बहादुर महिला पर शायरी समर्पित करना बहुत गर्व की बात है । यदि आप नारी सशक्तिकरण में विश्वास रखते हैं और कुछ ऐसा पढ़ना चाहते हैं जो आपकी रूह को छू जाए तो यह ब्लॉग आपके लिए है ।
मैं स्वयं एक महिला हूँ और जानती हूँ की कैसे बहादुर महिला पर प्रेरणादायक सन्देश, SMS, और Quotes साझा करने से एक महिला के लिए प्रोत्साहन का वातावरण पैदा होता है ।
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मैं आपके साथ 61 ऐसी निडर महिलाओं पर कविताएं साझा कर रही हूँ जिन्हे पढ़कर आप खुश हो जाएंगे –
1.
नारी नहीं कदापि कमजोर,
न बांधिए उसके हौंसले की डोर ।
2.
जो चाहूँ वो पा सकती हूँ यह विश्वास,
नारी को आत्मविश्वास से भरता जाता ।
3.
जगजननी है औरत, दो उसे सम्मान,
इज्जत करोगे उनकी तो खुद पाओगे सम्मान ।
4.
फूलों की सेज नहीं होता नारी जीवन,
एक रणभूमि सा भी होता नारी जीवन ।
5.
न रही खुद नारी कमजोर कभी भी,
भले ही उसको समझते कमजोर सभी ।
6.
एक ख्वाब के टुकड़े के संग,
जी उठती सौ बार नारी लड़ने जंग ।
7.
कमर कसकर, संग संघर्षों से जुझकर,
निखरती नारी फिर कुंदन बनकर ।
8.
न झुकना चाहे बेवजह,
न झुकने को कहे नारी बेवजह ।
9.
सशक्त नारी भी वही कहलाती जो,
पुरुषों की आलोचना से न डरती वो ।
10.
विपत्तियों से कभी न डरती,
डरपोक शब्द पसंद नारी न करती ।
11.
परिस्थितियों को बदलना जाने,
समय और मार्ग भी बदलना नारी जाने ।
12.
सूझबूझ और बुद्धि के भरोसे ही,
नारी अलग एक पहचान बनाती आयी ।
13.
पुरुषों की बराबरी न करना जाने,
अच्छे जीवन जीने की लालीयत नारी को भाए ।
14.
खुद की ताकत पर संदेह कभी न करती,
ख्वाबों को हकीकत मे तब्दील करना नारी जानती ।
15.
कमर कसकर तूफ़ान से टकराकर,
दम लेती नारी विजय पताका फहराकर ।
16.
दिखा दिया दुनियां को अस्तित्व का असर,
खुद पर आत्मविश्वास में न रखे कोई कसर ।
17.
दिल चाहे वही करने का वो रखती माद्दा,
फिर उसको ही मानतीं अटल इरादा ।
18.
रखे ज़ज्बा जो दिल में बहादुरी का,
फिर उसे कभी कोई न हरा पाता ।
19.
टूटी उम्मीदों से भी करती अस्तित्व का निर्माण,
हौसलों संग मुकाम पर रखती सदैव ध्यान ।
20.
परिंदों की तरह उड़ान भरे सतत ,
आसमाँ छुने की कोशिशें अनवरत ।
21.
परिस्थितियों से लड़ने की रखती हिम्मत,
कुछ अलग करने की भी रखती हिम्मत।
22.
नित नए संग्राम से सामना कर,
अस्तित्व निर्माण में न रखे कसर ।
23.
अनजाने रास्तों पर अनवरत चलना जाने,
बिना डरे बिना रुके उम्मीदों संग चलना चाहे ।
24.
अपने हक की लड़ती ज़ंग,
बिना किसी हथियार के संग ।
25.
दुश्मन संग जो करनी हो जंग,
कफ़न और कब्र भी रखती संग ।
26.
जीवन में आए हर पथ को पार,
बनाती जाती ऊँचा कद हर बार ।
27.
नारी के धैर्य की कोई सीमा न होती,
हर मुसीबत का अंत भी वो कर सकती ।
28.
शांति और शक्ति का एक रूप,
दया धर्म का भी वो एक खास स्वरुप ।
29.
रिश्तों के हर रूप रंग मे ढ़ल कर,
ख़ुद भी जीना चाहे वो खुलकर ।
30.
स्त्री मे होता असीम अद्भुत सामर्थ,
जो उसके जीवन को देता अर्थ ।
31.
स्नेह और प्रेम से भरी नारी को न समझो कमजोर,
हर रिश्ते से बंधी होती उसके दिल की डोर ।
32.
कभी बहन तों कभी माँ की दिखे सूरत,
दिल की नजरों से दिखे भगवान की मूरत ।
33.
धन्य होते वो पुरुष भ्राता,
जिसने नारी के मन को जीता ।
34.
हर जीवन को देती रोशनदान,
ख़ुद मर्यादा और सम्मान की पहचान ।
35.
मौत के मुँह में जाकर ज़िंदगी देती,
परमात्मा के बाद वही तो पूज्यनीय होती ।
36.
नारी को न समझो कमजोर,
इसके हाथों में सृष्टि की डोर ।
37.
अँधेरे मे भी दिखाती हो तुम रास्ता,
नारी तुम से जुड़ा होता उम्मीदों का वास्ता ।
38.
नारी प्रेम और आस्था का सच्चा प्रतीक,
नारी एक मात्र उम्मीदों का प्रतीक ।
39.
ना थी अबला न रही अबला दुनिया को,
बड़े शान से करा दी खुद की पहचान ।
40.
औरत को कभी भी कम न आंको,
बखूबी अपने सारे फर्ज निभाती वो ।
41.
न करे सफ़लता का अभिमान,
चाहे बस मिलता रहे आत्मसम्मान ।
42.
रंजिशो और बंदिशों से मुक्त जीवन,
आज़ादी से जीना चाहे वह जीवन ।
43.
महत्वाकांक्षाओं की दौड़ में सदा रहती,
रोकने की कोशिशों को ठिकाने लगाती ।
44.
सूझबूझ से हर काम लेती नारी,
संघर्ष से ढांचे में ढल जाती नारी ।
45.
अभिमान को त्याग कर,
स्वाभिमान से जीना चाहे ।
46.
दिल, दिमाग, तमन्ना ने जब भी पुकारा,
तब मिला एक मनपसंद ख्वाब का किनारा ।
47.
जीवन में न कभी माने हार,
न किसीसे रखे बेवजह कोई रार ।
48.
कंधों पर रख घर बाहर की सब जिम्मेदारी,
कर कमाल निभाती घरसंसार,दुनियादारी ।
49.
गहरे अँधेरे से भी उजाला खींच लाने,
का होता भरोसा सशक्त स्त्री के पास ।
50.
जब जब खुली मिली फिजा,
ख़ुद को स्थापित प्रस्थापित पाया ।
51.
स्वप्निल आँखों में खुद के लिए,
आसमाँ तलाशना जाने की जिद ।
52.
युगों युगों से दबे कपाट खोल,
विवेक, ज्ञान और प्रज्ञा के बोले बोल ।
53.
निष्ठुर संसार ने न समझी भावना,
न समझी उसके हौसलों की उड़ान ।
54.
अधूरे ख्वाबों को पूरा कर,
उम्र को भी मात देती नारी ।
55.
खुद की खुद बन दिशा दर्शक,
फिर बन जाती एक दिन मार्गदर्शक ।
56.
हो ग़र आत्मविश्वास तो मिलेगा मुश्किलों का भी हल,
यह शिक्षा सदैव गाँठ बाँध जीती जाती वो हर पल ।
57.
करोगे अगर स्त्री की बदनामी,
बनोगे राख और छा जाएगी गुमनामी ।
58.
जो काम कर रही हूँ सही कर रही हूँ,
यही आत्मविश्वास मंज़िल तक पहुंचाकर रखता ।
59.
उम्मीदों की लेकर हाथो मे मशाल,
कठीन रास्ता पूरा करती हर हाल ।
60.
इम्तिहान से कभी ना घबराकर,
पार लगाती नैया सम्भल सम्भल कर ।
61.
ख्वाब के सिलसिले ख्वाब में न रखकर,
ख्वाब पूरा करती अपनी पहचान बनाकर ।
उम्मीद करती हूँ की मेरे द्वारा लिखी गई साहसी महिलाओं पर शायरी आपको पसंद आयी होगीं । आइए एक साथ महिला सशक्तिकरण की और बढ़ते हैं ।
Hi! I’m Jayshree! I am the Founder of ‘Poesy Ville’. I am a Poetess dedicated to creating rhymes on a daily basis – on the internet and in life.