पितृसत्तात्मक सोच, एक दमनकारी सोच!

पितृसत्ता पर शायरी के मेरे इस ब्लॉग में पितृसत्तात्मकता जैसे अन्यायकारक सामाजिक व्यवस्था पर विचार करने पर मजबूर कराती कविताएं है। इस व्यवस्था में महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक महत्व दिया जाता है। इससे महिलाओं का शोषण और उत्पीड़न होता है। यह व्यवस्था स्त्रियों...

अपनी पहचान खुद में ही छिपी होती है कहीं !

समाज में रहकर इंसान अपने काम, व्यवहार, इंसानियत की बदौलत खुद को अलग दिखा सकता है ।आज अपनी पहचान पर शायरी के इस ब्लॉग में जानेंगे किस तरह से हम कोई भी कार्य मेहनत, लगन, ईमानदारी से करके अलग आइडेंटिटी बना सकते हैं । अपनी पहचान पर दो लाइन शायरी के इस ब्लॉग के माध्यम से...

स्वच्छता सब को चाहिए,स्वच्छता पर खास ध्यान दीजिये।

सफाई हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है । स्वच्छता पर सुविचार का मेरा यह ब्लॉग आपको बतायेगा, क्यूं साफ-सफाई हमारे जीवन-शैली का हिस्सा बनकर आदत में ही शामिल होनी चाहिए । हर व्यक्ति के सहयोग से हम स्वच्छ भारत अभियान को सफल बना सकते हैं । देश के विकास...

सामाजिक परिवर्तन अवश्य होगा, हर नागरिक अगर बदलाव की जिम्मेदारी उठाएगा ।

सामाजिक परिवर्तन पर सुविचार लिखने का प्रयास मेरे लिए बड़े गर्व की बात है। इसके द्वारा समाज में आवश्यक बदलाव लाने की कोशिश कर सकते है। बदलते परिवेश में हम सब चेंज चाहते है। यह भी पढ़े | बदलाव पर सुंदर सुविचार |   सामाजिक परिवर्तन पर सुविचार 41 बेहतरीन बोल- सामाजिक...