नारी दिवस पर शायरी लिखना, पढ़ना या समर्पित करना बहुत गर्व की बात है। नारी दिवस 8 मार्च को सारा विश्व बड़े धूम-धाम, गर्व और आदर-सम्मान के साथ मनाता है।
मै स्वयं एक नारी हूँ और यक़ीन करती हूँ कि महिला और पुरुष दोनों ही समान रूप से समाज के अंग है। बावजूद पुरुष प्रधान समाज के आज की नारी ने अपनी अलग पहचान बना ली है।
यदि आप भी स्त्री पुरुष समानता में यकीन रखते हैं तो मेरा नारी दिवस पर संदेश देता यह ब्लॉग आपके लिए ही है।
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नारी दिवस पर शायरी | 61 बेमिसाल रचनाएं
मेरी यह नारी दिवस पर शायरी आप अपनी माँ, बहन, पत्नी, दोस्त या आपको प्रभावित करने वाली शख्स को नारी दिवस के status के रूप में संदेश या शुभकामनाओं द्वारा भेज सकते है |
1.
महिला-पुरुष दोनों समाज के समान रूप,
फिर नारी सशक्तिकरण की भला क्यों जरूरत ।
2.
धर्म, शास्त्रों में सर्वोत्तम स्थान में नारी,
समाज की वास्तविक वास्तुकार भी नारी।
3.
स्त्री के अस्तित्व की महत्ता यही,
समस्त जीवन दर्शन का तत्व स्त्री ।
4.
नारी प्रकाश का एक स्त्रोत भी,
बहती रहे सदैव पीयूष स्त्रोत्र सी ।
5.
नारी ब्रह्मा की अद्भुत रचना,
स्त्री के महत्व को समझा जहाँ ।
6.
महिला संयम से हरदम काम लेती,
कोई हौसला ना तोड़े बस इतना चाहती ।
7.
पंख फैलाकर जो उड़ान भरे,
फिर हर शिखर वो छूकर रहे ।
8.
महत्वाकांक्षाओं और कर्म से जीवन को गढती नारी,
हर पग को रोशन करने वाली असीम शक्ति भी नारी ।
9.
नारी शोभा हर घर की,
नारी शक्ति हर नर की ।
10.
घर के अंदर या हो दहलीज के बाहर,
हर जगह वो सर्वोत्तम, छू लिए सारे शिखर ।
11.
प्रेम में राधा, गृहस्थी में वो जानकी,
काली बन शीश काटे बात जब सम्मान की ।
12.
अबला समझने मे करे न भूल,
नारी ही इस संसार का मूल ।
13.
हर दिन हर पल संघर्ष करे,
अपना वजूद वो स्वयम गढ़े ।
14.
स्त्री की पहचान न रही अब खोई पहचान,
भर उड़ान हर कान तक पहुंची न रहीं अंजान ।
15.
प्रकृति की रचना ही नहीं स्वयम प्रकृति वो,
अद्भुत, अद्वितीय प्रेम भाव से बनी हुई वो ।
16.
खुद पर करती खूब फक्र,
जब होता गर्व से उसका जिक्र ।
17.
ना किसी मायने में पुरुषों से कम,
अगर हो कोई भेदभाव तो हो खत्म ।
18.
नारी से ही चलता यह संसार,
नारी के अस्तित्व बिना कहां संसार ।
19.
नारी की उन्नति से समाज का उत्थान,
नारी से समाज की आन, बान, शान ।
20.
नारी उड़ना और बहना भी जाने,
बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ना जाने ।
21.
गिरकर भी खुद उठ खड़ी होती,
खुद की शक्ति खुद बन निखरती ।
22.
नारी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा,
नारी से संसार का पूरा हर किस्सा ।
23.
नारी का वर्णन शब्दों मेंं ना समा पाये,
नारी की महिमा वाणी में भी कही ना जाये ।
24.
सृष्टि की अनमोल एक रचना प्यारी,
बिना उसके उन्नति की कल्पना कोरी ।
25.
नारी में सारी सृष्टि है समाई,
खुद ही सशक्त पहचान बनाई ।
26.
समाज की नींव रखती नारी,
दुनियां रहती उस की आभारी ।
27.
शक्ति,समृद्धि और बुद्धि की शान,
यही आज की नारी की पहचान ।
28.
मिले जो कभी धूप तो कभी छाव के पल,
उसमें ढूँढती खुशियों और सुकून के पल ।
29.
आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक,
सभी मोर्चों पर भारी दिखती नारी ।
30.
जीवन में कभी ना माने हार,
बेवजह ना रखे किसी से रार ।
31.
हौसलों, आत्मविश्वास की पहचान,
संघर्ष, शक्ति की भी एक पहचान ।
32.
आदि वो अनंत भी वो,
इस सृष्टि का आधार एक वो ।
33.
संग्राम संघर्ष का नाम दुसरा नारी,
कमर कसकर जुझने को तय्यार नारी।
34.
महिलाओ के चमक से, परचम से,
समाज प्रकाशमय नजर आता है ।
35.
सक्षम, सबल, सतेज, सचेत,
आज की नारी का यह रूप एक ।
36.
पुरूषों से ना कमतर नारी,
अन्नपूर्णा तो चंडी भी नारी ।
37.
कभी आसमाँ मे उड़ी कभी जमीन पर दौड़ी,
खुद को परिवर्तित कर हर ओर परचम लहराती ।
38.
निजी उन्नति भी करे पूरी,
घर परिवार की बनकर धुरी ।
39.
हर बार खुद से लड़ती,
हर कार्य दृढ़ता से करती ।
40.
सृष्टि की सृजन निर्माता तू,
हर रूप में जगत देखे तुझको ।
41.
ना उम्मीदों से घायल फिर भी खुद
के आत्मविश्वास की खुद कायल ।
42.
असफलता से जरा न डरती,
सफलता के प्रति प्रयासरत रहती ।
43.
जब जब खुद पर जताए आत्मविश्वास,
तब ना दुनियादारी की फिक्र ना उलाहना की परवाह ।
44.
भूल गई जो कभी उड़ान,
बंदिशें तोड़ भरती फिर उड़ान ।
45.
नारी ईश्वर का एक अनमोल वरदान,
उससे ही मान सम्मान और पहचान ।
46.
कोमल हृदय मधुर वाणी से पहचान,
वक्त आने पर शेर की दहाड़ भी शान ।
47.
इन्द्रधनुष के रंग जीवन में नारी भरे,
हर जीवन को समृद्ध सफल करे ।
48.
मुसीबतों से ना नारी घबराती,
बिना थके चलती जाती ।
49.
नारी एक आस नारी एक विश्वास,
नारी भगवान की कलाकृति खास ।
50.
नारी सक्षम नारी अद्भुत,
नारी से ही जीवन समृद्ध ।
51.
नारी के हाथों में जीवन की पतवार,
उससे ही दुनिया का भी उद्धार ।
52.
हर दर्द, व्यथा को समझती जो,
सशक्त पर भावुक नारी कहलाती वो ।
53.
कभी ज्योत बनकर जले, कभी मोम बन कर पिघले,
जिस सांचे मे डालो उसी में ढलना जाने ।
54.
छिन ना लो उसके चेहरे का नूर,
न करो नारी को कभी मजबूर ।
55.
खोखला ना तुम नारी को करो,
कदर उसके ख्वाबों की भी करो ।
56.
तूफ़ानों से कभी घबराई नहीं,
इरादों कभी हमेशा पक्की रहीं ।
57.
टूटने न दे अपने इरादों को,
मजबूत बनाती खुद मन को ।
58.
संभाले हर रिश्ते को कोहिनूर सा,
निभाती न नारी रिश्ता मजबूरी का ।
59.
कर्म पे यकीन नारी करती,
यकीन से हर फर्ज निभाती ।
60.
जिंदगी का हर सबक याद रखती,
अनजाने से टूटे ख्वाबों को पूरा करती ।
61.
तुम ही जननी तुम ही वसुंधरा,
तुम ने हर नर को जीवन दिया ।
उम्मीद करती हूँ मेरे द्वारा लिखी गई नारी दिवस पर शायरी आपकों पसंद आयी होंगी | हमारा जीवन महिलाओं के बिना अधूरा है | उन्हें सम्मान देना हमारा कर्तव्य है | इसलिये नारी दिवस के लिए status हर साल समर्पित कीजिए और महिलाओं के सशक्त होने के सफ़र में उनका साथ दीजिए |
Hi! I’m Jayshree! I am the Founder of ‘Poesy Ville’. I am a Poetess dedicated to creating rhymes on a daily basis – on the internet and in life.